नाटक: "स्वतंत्रता की आज़ादी"
पात्र:
1. महात्मा गांधी
2. जवाहरलाल नेहरू
3. सुभाष चंद्र बोस
4. भगत सिंह
5. चंद्रशेखर आजाद
6. महिला पात्र
7. विद्यार्थी
दृश्य 1: स्वतंत्रता संग्राम का समय
(सपाट मंच पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का दृश्य प्रस्तुत किया गया है। एक ओर, महात्मा गांधी खड़े हैं, दूसरी ओर, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद चर्चा कर रहे हैं।)
महात्मा गांधी: (हाथ में गांधीजी की छड़ी पकड़े हुए) "प्रिय साथियों, हमें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर इस देश को स्वतंत्रता दिलानी है।"
भगत सिंह: (उत्साही स्वर में) "महात्मा गांधीजी, हम भी क्रांतिकारी गतिविधियों के माध्यम से अंग्रेजों से मुक्ति की राह पर अग्रसर हैं।"
चंद्रशेखर आजाद: (उत्साहपूर्वक) "हम सभी के प्रयास मिलकर ही इस देश को आज़ाद करवा सकते हैं। हमें एकजुट रहकर संघर्ष करना होगा।"
महात्मा गांधी: "सत्य और अहिंसा ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हमें अपने आदर्शों को नहीं छोड़ना चाहिए।"
दृश्य 2: स्वतंत्रता की घोषणा
(मंच पर एक बड़ा झंडा लहराता है। पंडित नेहरू और महिला पात्र मंच पर आते हैं।)
पंडित नेहरू: (उत्साहपूर्वक) "आज 15 अगस्त 1947 है! हम सभी की मेहनत और बलिदान का फल हमें मिल गया है। भारत अब स्वतंत्र है।"
महिला पात्र: (आंसू भरी आंखों के साथ) "हमारी स्वतंत्रता का सपना आज साकार हुआ है। हम सभी ने मिलकर इस दिन को देखा है।"
पंडित नेहरू: "यह स्वतंत्रता केवल हमारे देश की नहीं, बल्कि हर एक भारतीय की है। हमें इसे संजोना और इसे आगे बढ़ाना है।"
दृश्य 3: आज का भारत
(मंच पर एक आधुनिक भारतीय परिवार के दृश्य का प्रदर्शन होता है। बच्चे और युवा देश की उपलब्धियों पर चर्चा कर रहे हैं।)
विद्यार्थी 1: "हमें गर्व है कि हमारा देश आज विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है।"
विद्यार्थी 2: "हमारे देश में महिला सशक्तिकरण, जातिवाद उन्मूलन, और सामाजिक समानता के प्रयास लगातार जारी हैं।"
विद्यार्थी 3: "हमारा लोकतंत्र मजबूत है और हर नागरिक को समान अधिकार मिले हैं। हमें इसे संजोकर रखना होगा।"
दृश्य 4: समापन
(सभी पात्र मंच पर एकत्रित होते हैं। भारतीय ध्वज के सामने खड़े होते हैं।)
महात्मा गांधी: "हमने स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन हमें इसे बनाए रखने और सशक्त बनाने के लिए काम करना होगा।"
पंडित नेहरू: "आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश को एक बेहतर स्थान बनाएंगे, जहां सभी को समान अवसर मिलेंगे।"
सभी पात्र: "हमारा भारत सशक्त और समृद्ध हो, यही हमारी शुभकामना है!"
(सभी पात्र एक साथ भारतीय राष्ट्रीय गान गाते हैं और मंच से विदा लेते हैं।)
अंत:
इस नाटक के माध्यम से हम स्वतंत्रता संग्राम के महान नेताओं और उनके योगदान को याद करते हैं, और स्वतंत्र भारत की उपलब्धियों को मनाते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि स्वतंत्रता केवल प्राप्त करना नहीं, बल्कि उसे संजोना और सशक्त बनाना भी महत्वपूर्ण है।
धन्यवाद।